Sunday, 11 August 2013

श्री कृष्णा का अवतार

पहली रानी मदिषा के गर्भ से शूर उत्पन्न हुए| शूर की पत्नी भोज राजकुमारी से दस पुत्र तथा पांच पुत्रियाँ उत्पन्न हूई जिनके नाम नीचे नाम नीचे लिखे गए है| उनके नामो के आगे उनसे उत्पन्न प्रसिद्द पुत्रो के नाम भी लिखे गए है:- १. वासुदेव..वासुदेव -से श्रीकृष्ण और बलराम २. देवभाग.. देवभाग-से उद्धव नामक पुत्र ३. देवश्रवा.. देवश्रवा-से शत्रुघ्न(एकलव्य) नामक पुत्र ४. अनाधृष्टि.. अनाधृष्टि-से यशस्वी नामक पुत्र हुआ ५. कनवक.. कनवक -से तन्द्रिज और तन्द्रिपाल नामक दो पुत्र ६. वत्सावान.. वत्सावान-के गोद लिए पुत्र कौशिक थे. ७. गृज्जिम.. गृज्जिम- से वीर और अश्वहन नामक दो पुत्र हुए ८. श्याम.. श्याम -अपने छोटे भाई शमीक को पुत्र मानते थे| ९. शमीक-के कोइ संतान नही थी। १०. गंडूष.. गंडूष -के गोद लिए हुए चार पुत्र थे. इनके अतिरिक्त शूर के पांच कन्याए भी उत्पन्न हुई थी जिनके नाम नीचे लिखे है| उनके नामो के आगे उनसे उत्पन्न प्रसिद्द पुत्रो के नाम भी लिखे गए है:- १. पृथु की.. पृथुकी -से दन्तवक्र नामक पुत्र २. पृथा (कुंती) .. पृथा (कुंती)- से युधिष्ठिर, भीमसेन, अर्जुन नामक तीन पुत्र ३. श्रुतदेवा.. श्रुतदेवा - से जगृहु नामक पुत्र ४. श्रुतश्रवा.. श्रुतश्रवा - से चेदिवंशी शिशुपाल नामक पुत्र ५. राजाधिदेवीराजाधिदेवी - से विन्द और अनुविन्द नामक दो पुत्र हुए।
देविमूढस (देवमीढ़)की दूसरी रानी वैश्यवर्णा से पर्जन्य नामक पुत्र हुआ| पर्जन्य के नौ पुत्र हुए जिनके नाम इस प्रकार है:- १.धरानन्द २. ध्रुवनन्द ३. उपनंद ४. अभिनंद ५. सुनंद ६. कर्मानन्द ७. धर्मानंद ८. नन्द .९. वल्लभ इसे यों समझे: (इस वँशावली में कुछ नाम छोड़ दिए गए है जिनके बारे मे ज्यादा पता नही होने के कारण आपके सुझाव आमत्रिँत हैँ केवल महत्वपूर्ण नामो के उल्लेख के लिए) बाकि के नाम ईस प्रकार है:- देवमीढ कीदो रानिया १-मदिषा २-वैश्यवर्णा से शूरसेन से पर्जन्य से वसुदेव..देवभाग....पृथा...श्रुतश्रवा-------------------धरानन्द...ध्रुव...उप...अभि...सुनन्द ..v.........v..........v.......--.--.--.-.-....................--कर्मा...धर्मा...नन्द...बल्लभ् ..से .......से ......से ......से.. श्रीकृष्ण...उद्धव..पाण्डव..शिशुपाल । प्रदुम्न । अनिरुद्ध । ब्रजनाभि
श्रीकृष्ण आठ भाई थे| उनके नाम इस प्रकार है:- १.कीर्तिमान २.सुषेण ३.भद्रसेन ४.भृगु ५.सम्भवर्दन ६.भद्र ७.बलभद्र और ८. श्रीकृष्ण| इनमे से माता देवकी के छः पुत्रो को कंस ने जन्म के तुरंत बाद मार दिया था| अन्धकवंशी मथुरा के तथा वृष्णिवंशी द्वारिकापुरी के शासक हुए| मथुरा में जिस समय उग्रसेन और कंस थे उस समय द्वारिका में शूर के पुत्र वासुदेव जी राजा थे|

0 comments :

Post a Comment